पढ़े कोई या न पढ़े वो बात अलग है! लिखे न जो कलम मात्रभूमि के लिये, वो कलम नहीं कलंक है!! हृदय में आज एक नई ज्वाला तू बहाल कर! उठा कलम और आज सिंह सी दहाड़ कर ! डरती नहीं सियासतें आज तोप और तलवार से , डरते हैं आज ये बस एक कलम के वार से! तू उठा कलम और आज लिख कि क्या क्या तूने नहीं सहा! बदल दे सियासी चाल तू अपनी कलम के वार से!! जो आज चुप तू रह गया तो भविष्य तेरा, एक त्रासदी बन जाएगा ! फिर अपने प्रतिबिंब से तू आँख भी न मिला पाऐगा!! आज उठा कलम और लिख तेरे जो जो विचार हैं, कि तेरी एक गूँज से सारा जग जगमगाएगा। पढ़े या कोई न पढ़े वो बात अलग है, लिखे न जो कलम मात्रभूमि के लिये1 वो कलम नही कलंक है!! ~प्रीति❣️ #fight #write #poet #poetry #poetess #kavita #rights #right