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जबरदस्ती अंधेरे में रखा गया मुझे चिरागों से बड़ा

जबरदस्ती अंधेरे में रखा गया 
मुझे चिरागों से बड़ा लगाव था

कुछ भी तो नहीं मिला मुझे 
अंधेरे में ना मेज और ना पंखा|

क्या करता है मैं जिंदा रहा 
खुली आंखों से बंद सपनों में

चारदीवारी से ज्यादा अपने थे 
और मरता रहा  मैं  अपनों  में | जबरदस्ती अंधेरे में रखा गया 
मुझे चिरागों से बड़ा लगाव था

कुछ भी तो नहीं मिला मुझे 
अंधेरे में ना मेज और ना पंखा|

क्या करता है मैं जिंदा रहा 
खुली आंखों से बंद सपनों में
जबरदस्ती अंधेरे में रखा गया 
मुझे चिरागों से बड़ा लगाव था

कुछ भी तो नहीं मिला मुझे 
अंधेरे में ना मेज और ना पंखा|

क्या करता है मैं जिंदा रहा 
खुली आंखों से बंद सपनों में

चारदीवारी से ज्यादा अपने थे 
और मरता रहा  मैं  अपनों  में | जबरदस्ती अंधेरे में रखा गया 
मुझे चिरागों से बड़ा लगाव था

कुछ भी तो नहीं मिला मुझे 
अंधेरे में ना मेज और ना पंखा|

क्या करता है मैं जिंदा रहा 
खुली आंखों से बंद सपनों में

जबरदस्ती अंधेरे में रखा गया मुझे चिरागों से बड़ा लगाव था कुछ भी तो नहीं मिला मुझे अंधेरे में ना मेज और ना पंखा| क्या करता है मैं जिंदा रहा खुली आंखों से बंद सपनों में