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ख्वाब और ख्याल क्यों तेरे आते हैं, क्यों मेरी नींद

ख्वाब और ख्याल क्यों तेरे आते हैं,
क्यों मेरी नींदों में भी तेरा कब्जा है।
मेरी जिंदगी जैसे मेरी भी नहीं अब,
कि इस तरह का टूटा-टूटा जज्बा है।

©Diwan G
  #जज्बा