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आधार धरा धरोहर है अधिकार नहीं, प्रदूषण एक दाग है,व

आधार धरा धरोहर है अधिकार नहीं,
प्रदूषण एक दाग है,वसुधा का श्रृंगार नहीं।
माटी की सोंधी सुंगन्ध गुम है,
सौरभ भी अब नहीं सुरभित,
फली फूली जिनके तट पे सभ्यतायें,
वो अमृतदायनी नदियाँ भी हुई दूषित।
'हरित क्रांति' तो आई,किन्तु नहीं आयी हरियाली,
'अति' के मृगतृष्णा में फंसकर,
गवायी हमने अपनी ख़ुशहाली।
हम सब की जरूरत को पूरा करने में है समर्थ धरा,
किन्तु मानव लालच के आगे लाचार है,
समय शेष है,अब भी जो हम ना सुधरे,
तो भविष्य में फिर समस्याओं की भरमार है। world earth day
आधार धरा धरोहर है अधिकार नहीं,
प्रदूषण एक दाग है,वसुधा का श्रृंगार नहीं।
माटी की सोंधी सुंगन्ध गुम है,
सौरभ भी अब नहीं सुरभित,
फली फूली जिनके तट पे सभ्यतायें,
वो अमृतदायनी नदियाँ भी हुई दूषित।
'हरित क्रांति' तो आई,किन्तु नहीं आयी हरियाली,
'अति' के मृगतृष्णा में फंसकर,
गवायी हमने अपनी ख़ुशहाली।
हम सब की जरूरत को पूरा करने में है समर्थ धरा,
किन्तु मानव लालच के आगे लाचार है,
समय शेष है,अब भी जो हम ना सुधरे,
तो भविष्य में फिर समस्याओं की भरमार है। world earth day
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