Autumn सुंदर सा है ये उपवन, तितली जैसा मेरा मन, राही सतत राह तू चल, यात्रा ही तो है जीवन, बिन जाने है ठौर कहाँ, ख़त्म नहीं होगी उलझन, माया छूटेगी एक दिन, सबसे बड़ा श्वास का धन, भागो मत विपरीत दिशा, मेरे जैसा तू भी बन, है लबरेज मुहब्बत से, मेरा दिल मेरी धड़कन, नाम पता मालूम नहीं, ठौर ठिकाने का गुंजन, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई ©Shashi Bhushan Mishra #तितली जैसा मेरा मन#