मेरी चाहत है,प्रकृति की गोद में समय बिताना.. इस चकाचौंध से दूर वादियों में आशियाना बसाना, शहरों की आबोहवा मुझे अब भाती नहीं.. जिंदगी यहां सुकून से काटी जाती नहीं, दौड़ लिए बहुत बेहतर ज़िंदगी की तलाश में.. खोकर अपना सुकून दुनियादारी की रंजिशों में, छोटा सा ही सही.. एक प्यारा सा घरौंदा होगा.. सुकून वादियों का.. खुशबू हवाओं की.. ऊपर खुला नीला आसमां होगा, खुशबूदार फूलों से सजा मेरा आशियाना होगा.. हर रोज रंग बिरंगी तितलियों का आना जाना होगा, बादलों की ओढ़ चुनर..उजली मखमली सी हिम वादियां.. शीतल शुद्ध हवा.. छूकर बदन को गुजर जाए, सांसो में समा कर खुशबू प्रकृति की.. कलरव सी ध्वनि बहती धाराओं की, चह चहाते पंछियों का मधुर संगीत.. बेचैनियों को खत्म कर.. रूह को सुकून दे जाए, जिंदगी के सफर की मेरी मंजिल.. यूं ही संवर जाए.. बनकर प्रकृति का हिस्सा प्रकृति में गुजर जाए । ✍️deepti😊 ©deepti😊 #प्रकृति_की_गोद_में