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राह तकते तकते सुबह से शाम हो गई, कहां छुपे हो कन्ह

राह तकते तकते सुबह से शाम हो गई,
कहां छुपे हो कन्हैया,,दीदार को नैना तरसते हैं।
आ भी जाओ और ना तरसाओ,,,,परिक्षा और मैं दे नहीं सकती।
सुना है दीनों के हो तुम दाता,
मेरा प्यार राधा या मीरा सा नहीं माना,,
पर हो तुम वही,,, जिस पर ममता लुटाने को मैं दिन-रात
तरसती हूं। हां कन्हैया तुम वही हो जिसे प्रेम से प्रेम है
अल्फ़ाज़ मेरे ✍️🙏🏻🙏🏻

©Ashutosh Mishra #जिसे प्रेम से प्रेम है NojotoHindi NojotoEnglish NojotoNews Nojotopoetry Nojotothought  R K Mishra " सूर्य " Yogendra Nath Yogi ANOOP PANDEY M. Acharya / दुबे प्रयागवासी। Mahi