" तमाम ख्वाहिशें सरेयाम कर दो मैं सहर हूं तुम शाम कर दो , ख्वाहिशों क्या हैं ये आयेंगी और चली जायेगी, दस्तरस यूं तु मुझे खुद में तमाम कर दे ." --- रबिन्द्र राम " तमाम ख्वाहिशें सरेयाम कर दो मैं सहर हूं तुम शाम कर दो , ख्वाहिशों क्या हैं ये आयेंगी और चली जायेगी, दस्तरस यूं तु मुझे खुद में तमाम कर दे ." --- रबिन्द्र राम #तमाम #ख्वाहिशें #सरेयाम #सहर #शाम #दस्तरस