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कहां गए वो दिन जब हरी भरी सी दुनिया थी ताजा ताजा

कहां गए वो दिन जब हरी भरी सी दुनिया थी 
ताजा ताजा पवन और महकी महकी हर बगिया थी
फूल खिले थे राहों में हर डाल डाल पर कलियां थी 
कहां गए वो दिन जब हरी भरी सी दुनिया थी ।

ऊंची इमारतें लंबी गाड़ी धुआं उड़ाते चलती है 
शहरों की आबादी ने जो गंदे फैला कर रखी है 
रोती है वो गंगा यमुना जब दूषित जल उनमें मिलता है।।

कहां गए वो दिन जब हरी भरी सी दुनिया थी 
ताजा ताजा पवन और महकी महकी हर बगिया थी

नही समय से जागे तो हर सांस को हम खो बैठेंगे
अपनी प्रकृति का सर्वनाश अपने हाथो कर बैठेंगे
तुमने जल को कुएं से सींचा हमें जल को नल मैं पाया है
क्या आने वाली पीढ़ी जल को किताबों मैं पाएगी।।।

सोचो समझो और साथ निभाओ 
 अपनी प्रकृति को बचाओ।।।।
save environment save water🙏

©Bhumika kaushik save environment save  water...

#Trees
कहां गए वो दिन जब हरी भरी सी दुनिया थी 
ताजा ताजा पवन और महकी महकी हर बगिया थी
फूल खिले थे राहों में हर डाल डाल पर कलियां थी 
कहां गए वो दिन जब हरी भरी सी दुनिया थी ।

ऊंची इमारतें लंबी गाड़ी धुआं उड़ाते चलती है 
शहरों की आबादी ने जो गंदे फैला कर रखी है 
रोती है वो गंगा यमुना जब दूषित जल उनमें मिलता है।।

कहां गए वो दिन जब हरी भरी सी दुनिया थी 
ताजा ताजा पवन और महकी महकी हर बगिया थी

नही समय से जागे तो हर सांस को हम खो बैठेंगे
अपनी प्रकृति का सर्वनाश अपने हाथो कर बैठेंगे
तुमने जल को कुएं से सींचा हमें जल को नल मैं पाया है
क्या आने वाली पीढ़ी जल को किताबों मैं पाएगी।।।

सोचो समझो और साथ निभाओ 
 अपनी प्रकृति को बचाओ।।।।
save environment save water🙏

©Bhumika kaushik save environment save  water...

#Trees