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वैसे तो मैं एनर्जेटिक हूं... परंतु जब भी ऑफिस से

वैसे तो मैं एनर्जेटिक हूं... 

परंतु जब भी ऑफिस से आता हूं दिन भर ड्यूटी करके और आकर बिस्तर पर लेट जाता हूं और कुछ समय बाद मेरा शरीर बिल्कुल गाफ़िल हो जाता है उस वक्त सिर्फ मैं बाहर से ही गाफिल होता हूं अंदर की हलचल इतनी तेज होती है जैसे लाखों गैलेक्सी के अंदर तारों का आवागमन हलचल उल्का पिंड ग्रह उपग्रह सभी प्रकार के खगोलीय पिंड जो ब्रह्मांड में उपस्थित है वो गतिमान होते हैं और धरती पर बैठे-बैठे मनुष्य उनकी क्रियाएं और प्रतिक्रियाएं देखता रहता है परंतु मैं मेरे शरीर की क्रियाएं प्रतिक्रियाएं देख तो नहीं सकता रूबरू में महसूस करता हूं और मेरे छोटे छोटे जख्मों की धधकती पीड़ाओं को महसूस करता हूं |

उस वक्त मुझे दर्द नहीं होता सुकून होता है और 
इस  तरह  का  सुकून  मैं  अकेलेपन  में लेता हूं | वैसे तो मैं एनर्जेटिक हूं... 

परंतु जब भी ऑफिस से आता हूं दिन भर ड्यूटी करके और आकर बिस्तर पर लेट जाता हूं और कुछ समय बाद मेरा शरीर बिल्कुल गाफ़िल हो जाता है उस वक्त सिर्फ मैं बाहर से ही गाफिल होता हूं अंदर की हलचल इतनी तेज होती है जैसे लाखों गैलेक्सी के अंदर तारों का आवागमन हलचल उल्का पिंड ग्रह उपग्रह सभी प्रकार के खगोलीय पिंड जो ब्रह्मांड में उपस्थित है वो गतिमान होते हैं और धरती पर बैठे-बैठे मनुष्य उनकी क्रियाएं और प्रतिक्रियाएं देखता रहता है परंतु मैं मेरे शरीर की क्रियाएं प्रतिक्रियाएं देख तो नहीं सकता रूबरू में महसूस करता हूं और मेरे छोटे छोटे जख्मों की धधकती पीड़ाओं को महसूस करता हूं |

उस वक्त मुझे दर्द नहीं होता सुकून होता है और 
इस  तरह  का  सुकून  में  अकेलेपन  में लेता हूं |
वैसे तो मैं एनर्जेटिक हूं... 

परंतु जब भी ऑफिस से आता हूं दिन भर ड्यूटी करके और आकर बिस्तर पर लेट जाता हूं और कुछ समय बाद मेरा शरीर बिल्कुल गाफ़िल हो जाता है उस वक्त सिर्फ मैं बाहर से ही गाफिल होता हूं अंदर की हलचल इतनी तेज होती है जैसे लाखों गैलेक्सी के अंदर तारों का आवागमन हलचल उल्का पिंड ग्रह उपग्रह सभी प्रकार के खगोलीय पिंड जो ब्रह्मांड में उपस्थित है वो गतिमान होते हैं और धरती पर बैठे-बैठे मनुष्य उनकी क्रियाएं और प्रतिक्रियाएं देखता रहता है परंतु मैं मेरे शरीर की क्रियाएं प्रतिक्रियाएं देख तो नहीं सकता रूबरू में महसूस करता हूं और मेरे छोटे छोटे जख्मों की धधकती पीड़ाओं को महसूस करता हूं |

उस वक्त मुझे दर्द नहीं होता सुकून होता है और 
इस  तरह  का  सुकून  मैं  अकेलेपन  में लेता हूं | वैसे तो मैं एनर्जेटिक हूं... 

परंतु जब भी ऑफिस से आता हूं दिन भर ड्यूटी करके और आकर बिस्तर पर लेट जाता हूं और कुछ समय बाद मेरा शरीर बिल्कुल गाफ़िल हो जाता है उस वक्त सिर्फ मैं बाहर से ही गाफिल होता हूं अंदर की हलचल इतनी तेज होती है जैसे लाखों गैलेक्सी के अंदर तारों का आवागमन हलचल उल्का पिंड ग्रह उपग्रह सभी प्रकार के खगोलीय पिंड जो ब्रह्मांड में उपस्थित है वो गतिमान होते हैं और धरती पर बैठे-बैठे मनुष्य उनकी क्रियाएं और प्रतिक्रियाएं देखता रहता है परंतु मैं मेरे शरीर की क्रियाएं प्रतिक्रियाएं देख तो नहीं सकता रूबरू में महसूस करता हूं और मेरे छोटे छोटे जख्मों की धधकती पीड़ाओं को महसूस करता हूं |

उस वक्त मुझे दर्द नहीं होता सुकून होता है और 
इस  तरह  का  सुकून  में  अकेलेपन  में लेता हूं |