Nojoto: Largest Storytelling Platform

जब सावन की बरखा में मन मयूर बन जाता है जब सूखी धरत

जब सावन की बरखा में मन मयूर बन जाता है
जब सूखी धरती पे घन प्रेम राग बरसाता है
चपला करती हैं नृत्य अमिट, और अंतस हर्षाता है
इंद्रधनुष के आलिंगन से फिर धरा का मन मुसकाता है।।

जब सावन की बरखा में मन मयूर बन जाता है....

     ।। रवि ।।

©Ravi Sharma
  जब सावन की बरखा में मन मयूर बन जाता है
जब सूखी धरती पे घन प्रेम राग बरसाता है
चपला करती हैं नृत्य अमिट, और अंतस हर्षाता है
इंद्रधनुष के आलिंगन से फिर धरा का मन मुसकाता है।।

जब सावन की बरखा में मन मयूर बन जाता है....

     ।। रवि ।।
ravisharma5699

Ravi Sharma

Silver Star
Growing Creator

जब सावन की बरखा में मन मयूर बन जाता है जब सूखी धरती पे घन प्रेम राग बरसाता है चपला करती हैं नृत्य अमिट, और अंतस हर्षाता है इंद्रधनुष के आलिंगन से फिर धरा का मन मुसकाता है।। जब सावन की बरखा में मन मयूर बन जाता है.... ।। रवि ।। #शायरी

245 Views