White चुराय लियो, चित गोकुल को चोर.. माखन चोरी मटकी फोरी छैल छबीली ब्रज की गोरी हाय री पड़ गई प्रीत के पाले अब का होइगो मोर..! चुराय लियो....! जमुना तट पे बंशीवट पे कुंज गलिन में वृन्दावन में जित को जाऊँ सब मोहे ताकें घर घर मच गयो शोर..! चुराय लियो....! साँवली सूरत मनहर मूरत श्यामल अलकें कंवल सी पलकें आन बसो है इन नैनन में, बाँको नंदकिशोर..! चुराय लियो....! ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #कान्हा