किसी कली ने भी देखा न आँख भर के मुझे गुज़र गई जरसे-गुल उदास करके मुझे। मैं सो रहा था किसी याद के बस्तर में जगा के छोड़ गए क़ाफ़िले सहर के मुझे।। #Nasir #Birth Anniversary #नासिर जन्मजयंती