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निशा बड़ी खामोश होती हैं, जो ना चाहो वो भी बया

   निशा बड़ी खामोश होती हैं, 
जो ना चाहो वो भी बया होती हैं। 
करीब इतने हो गये इक दूजे के कि
खुद से ही सारी हदें खोती है। 
पाने की तमन्ना थी, बड़ी कशिश भी
शिकवा भी थी शिकायत भी 
ये निशा की ही ज्योति हैं। 
जो ना चाहो कहना वो भी बया होती हैं।

©Pramod Singh Pal
  #lonelynights🖤🖤

lonelynights🖤🖤 #लव

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