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White दोहा :- स्कूल सभी सरकार के , होने दो अब बन्द

White दोहा :-
स्कूल सभी सरकार के , होने दो अब बन्द ।
बच्चे सब निर्गुण दिखे , शिक्षक ले आनंद ।।
मातु-पिता क्यों शिष्य के , आज हुए है खिन्न ।
शिक्षा स्तर यह किसलिए , बोल हुआ है निम्न ।
कुछ बालक नादान है, मातु-पिता मजबूर ।
कुछ से शिक्षा आज भी , होती कोसो दूर ।।
अब सरकारी स्कूल की , करना मत फरियाद ।
बच्चे प्राईवेट में , रखे नई बुनियाद ।।
दिन आये ये याद क्यों , दिल पे किया प्रहार ।
नौकर बन सरकार के , करते आत्याचार ।।
ऐसे लोगो की यहाँ , कौन करे परवाह ।
जो रख दौलत पास में , करे और की चाह ।।
धन सम्पत व्यापार का , महत्व जो हो बन्द ।
गली-गली फिर देखना, मिल जायेंगे नन्द ।।
ग्वाला अब जग में नही , दिखे रूप इंसान ।
मौका पाते आज जो , बन जाते शैतान ।।
क्षमा याचना कर रहा , गुरुवर से इस बार ।
बुद्धि हीन की आप ही, हाथ रखो पतवार ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :-
स्कूल सभी सरकार के , होने दो अब बन्द ।
बच्चे सब निर्गुण दिखे , शिक्षक ले आनंद ।।
मातु-पिता क्यों शिष्य के , आज हुए है खिन्न ।
शिक्षा स्तर यह किसलिए , बोल हुआ है निम्न ।
कुछ बालक नादान है, मातु-पिता मजबूर ।
कुछ से शिक्षा आज भी , होती कोसो दूर ।।
अब सरकारी स्कूल की , करना मत फरियाद ।
White दोहा :-
स्कूल सभी सरकार के , होने दो अब बन्द ।
बच्चे सब निर्गुण दिखे , शिक्षक ले आनंद ।।
मातु-पिता क्यों शिष्य के , आज हुए है खिन्न ।
शिक्षा स्तर यह किसलिए , बोल हुआ है निम्न ।
कुछ बालक नादान है, मातु-पिता मजबूर ।
कुछ से शिक्षा आज भी , होती कोसो दूर ।।
अब सरकारी स्कूल की , करना मत फरियाद ।
बच्चे प्राईवेट में , रखे नई बुनियाद ।।
दिन आये ये याद क्यों , दिल पे किया प्रहार ।
नौकर बन सरकार के , करते आत्याचार ।।
ऐसे लोगो की यहाँ , कौन करे परवाह ।
जो रख दौलत पास में , करे और की चाह ।।
धन सम्पत व्यापार का , महत्व जो हो बन्द ।
गली-गली फिर देखना, मिल जायेंगे नन्द ।।
ग्वाला अब जग में नही , दिखे रूप इंसान ।
मौका पाते आज जो , बन जाते शैतान ।।
क्षमा याचना कर रहा , गुरुवर से इस बार ।
बुद्धि हीन की आप ही, हाथ रखो पतवार ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :-
स्कूल सभी सरकार के , होने दो अब बन्द ।
बच्चे सब निर्गुण दिखे , शिक्षक ले आनंद ।।
मातु-पिता क्यों शिष्य के , आज हुए है खिन्न ।
शिक्षा स्तर यह किसलिए , बोल हुआ है निम्न ।
कुछ बालक नादान है, मातु-पिता मजबूर ।
कुछ से शिक्षा आज भी , होती कोसो दूर ।।
अब सरकारी स्कूल की , करना मत फरियाद ।