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नासाज़ है तबियत उसकी जिसे वो सुधारने आता है, तरसता

नासाज़ है तबियत उसकी जिसे वो सुधारने आता है,
तरसता मैं हूं पर तुझसे मेरे से पहले मिलने आता है,
न ज़रा भी ज़ालिम होना तू सूरज मेहर रखना उसपे,
तेरी रौशनी में हर सुबह कोई अपना भीगने आता है ।

©Akash Kedia #sunkissed #ishq #phirmohabbat
नासाज़ है तबियत उसकी जिसे वो सुधारने आता है,
तरसता मैं हूं पर तुझसे मेरे से पहले मिलने आता है,
न ज़रा भी ज़ालिम होना तू सूरज मेहर रखना उसपे,
तेरी रौशनी में हर सुबह कोई अपना भीगने आता है ।

©Akash Kedia #sunkissed #ishq #phirmohabbat
akashkedia1107

Akash Kedia

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