।। मेरे गुरुवर।। अंधकार मय जग मे हमें आये दिखाने ज्ञान प्रकाश है सकल गुणों की खान सर्वोच्च है तुम्हारा स्थान अज्ञान तिमिर का नाश करने कण कण मे नई रोशनी करने जीवन का सत पथ दिखाने मिले आप दिव्य ज्योति गुरु धर्म के मर्म का सत्य समझाया पग पग पर सावधान कराया तत्व सात का महत्व समझाया ऐसे सद्गुरु को प्रणाम हमारा स्वार्थ से दूर परमार्थ पथ बताया युग युग से भरा द्वेष भाव मिटाया सत कर्मों के सत्य पंथ दिखाया दिव्य ज्योति गुरु को प्रणाम हमारा काम क्रोध लोभ मोह छल छद्म छोड़ इस जगत प्रपंच का रंगमंच को छोड़ ढूँढ़ कर अपने सब विकारों की छोड़ मोक्ष के पथ पर चले गुरु को प्रणाम श्री विद्या सिंधु के परम पथ अनुयायी ज्ञान गंगा धार से सतत करते प्रकाश जिनके पाद पद्म से दिखे दिव्य राह प्रशस्त गुरु के चरणों बारम्बार प्रणाम मेरे उर मे आ बसो मेरे ईश्वर सम गुरु 'वैभव' को न राखियो अपनो से दूर ©वैभव जैन #मेरे गुरूवर