" चलों आज कुछ बात जाहिर कर दी जाये , उनके नजरों का सवाल आखिर कब तक बरकरार रखे , उलझनें मुहब्बत का एहसास हर रोज़ कैधता है , उनके मस्त निगाही के सवाल का कुछ जबाव दिया जाये ." --- रबिन्द्र राम " चलों आज कुछ बात जाहिर कर दी जाये , उनके नजरों का सवाल आखिर कब तक बरकरार रखे , उलझनें मुहब्बत का एहसास हर रोज़ कैधता है , उनके मस्त निगाही के सवाल का कुछ जबाव दिया जाये ." --- रबिन्द्र राम #जाहिर #नजरों #बरकरार #मुहब्बत #एहसास #सवाल #जबाव