कल आये जाने क्यों श्वेत स्वप्न मुझे, हर किरदार लिपटा था श्वेत लिबास में, बस चटख रंग एक पहन रखा था तुमने , और नज़र तुम्हारी बरबस निहार रहीं थी हमको, बिखरे से बाल मेरे चेहरे को छुपा रहे थे, तो कहा था कुछ यूँ तुमने , कि आओ ज़रा सँवार दूँ इन्हें, ज्यों ही तुम आये पास मेरे ये बैरन नींद ही खुल गयी, श्वेत सा जो स्वप्न था वो उड़ गया था, आँखों के सामने थी सियाह रात, #nojoto #स्वप्न #अनुरक्ति