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मुझें भी मंदिरों के प्राचीरों में बैठने की ख्वाहिश

मुझें भी मंदिरों के प्राचीरों में बैठने की ख्वाहिश है।
मुझें भी लोग पूजें और हमसे मन्नते माँगे ऐसी ख्वाहिशें हैं।
लेकिन ना हो पत्थर की दीवारें,ना हो मेरी प्रतिमा कहीं।
हो तो सिर्फ हर भारतीय के मन मंदिर मेरा नाम और मेरा काम हो। मन मंदिर में बैठने की एक ख्वाहिश!
मुझें भी मंदिरों के प्राचीरों में बैठने की ख्वाहिश है।
मुझें भी लोग पूजें और हमसे मन्नते माँगे ऐसी ख्वाहिशें हैं।
लेकिन ना हो पत्थर की दीवारें,ना हो मेरी प्रतिमा कहीं।
हो तो सिर्फ हर भारतीय के मन मंदिर मेरा नाम और मेरा काम हो। मन मंदिर में बैठने की एक ख्वाहिश!