इश्क के सिवा कुछ बोलना मत मेरे मोहब्बत को तू तोलना मत ग़ज़ल लिखेंगे आज होटों पर तुम्हारे खुदाके लिए तुम हिलना मत। हम दोनों ही काफी है गजल के लिए चांद सूरज को भी बीच में डालना मत! पीछा कर रहे हैं हम कबसे तुम्हारा तुम इतनी तेजिसे चलना मत। देखो अंधेरा है आजा क़रीब मेरे मैंने सूरज को कहा है निकलना मत! ©sanjay kushekar #shayar i#poyetri #gajhal #sanjaykushekar