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ज़िंदगी की शतरंज :- ज़िंदगी के पटल पर शतरंज की बि

ज़िंदगी की शतरंज :-

ज़िंदगी के पटल पर शतरंज की बिछी बिसात,
कोई जीतेगा बाजी यहां तो कोई खायेगा मात।

हार जीत का खेल सारा! आदमी लगा है दांव,
द्वंद छिड़ा है खुद का खुद से! बिखरे ये हयात।

कभी सियासत चाल है चलती कभी रसूखदार,
सुकून-ओ-चैन कहां?दंगाई करते है खुराफात।

खुद ही करें भ्रष्टाचार चेहरे पर डाले मुखौटा हैं,
हाथ जोड़ सज्जनता का भेष धरे करें सिमात।

किसी का किसी से न वास्ता! अलग है रास्ता,
फिर भला कब कौन करें किसी से मुलाकात?

पहले सी न रही दिलों में  आपनेपन की बात,
एक से हैं हालात बने क्या शहर क्या दिहात?

भ्रमित है हर कोई वास्तविकता का भान नहीं,
ज्ञान,गुणों की बात नहीं सब पूछे पहले जात।

किसी का सुख किसी को कहां भाता "तनुजा"
एक दूजे का कर रहे शिकार हैं लगा आघात।


अर्चना तिवारी तनुजा ✍️✍️

©Archana Tiwari Tanuja
  #Chess #NojoroHindi
#NojotoFilms #myrhought 
#Zindagi_ki_shatranz
20/07/2023

ज़िंदगी की शतरंज :-

ज़िंदगी के पटल पर शतरंज की बिछी बिसात,

#Chess #NojoroHindi #NojotoFilms #myrhought #Zindagi_ki_shatranz 20/07/2023 ज़िंदगी की शतरंज :- ज़िंदगी के पटल पर शतरंज की बिछी बिसात, #समाज

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