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Even my Dream have that dignity. यमराज एक दिन घर

Even my Dream have that dignity.

यमराज एक दिन घर आए। थके हारे थे। मैंने उनकी सेवा की। खाना खिलाया।रात को सोने से पहले दूध भी पिलाया।
सुबह यमराज उठे और जाते हुए कहने लगे "खाना अच्छा था। धन्यावाद।"
फिर मेरी ओर हाथ बढ़ाया,मुस्कराए जैसे पूछना चाह रहे हों कि कुछ चाहिए।
मैने भी मुस्कुराते हुए जवाब दिया "हम जिसे जिन्दगी देते हैं उससे कभी कुछ माँगते नहीं।"
आप से बलवान तो समय है उनसे इल्तिजा करेंगे। कुछ काम आपका भी हल्का हो जाए शायद।

Even my Dream have that dignity. यमराज एक दिन घर आए। थके हारे थे। मैंने उनकी सेवा की। खाना खिलाया।रात को सोने से पहले दूध भी पिलाया। सुबह यमराज उठे और जाते हुए कहने लगे "खाना अच्छा था। धन्यावाद।" फिर मेरी ओर हाथ बढ़ाया,मुस्कराए जैसे पूछना चाह रहे हों कि कुछ चाहिए। मैने भी मुस्कुराते हुए जवाब दिया "हम जिसे जिन्दगी देते हैं उससे कभी कुछ माँगते नहीं।" आप से बलवान तो समय है उनसे इल्तिजा करेंगे। कुछ काम आपका भी हल्का हो जाए शायद।

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