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फिर वही शाम, फिर तुम्हारी याद ,और मैं तनहा ! बहुत

फिर वही शाम, फिर तुम्हारी याद ,और मैं तनहा ! 
बहुत तकलिफ होती है ,जब याद तुम्हारी आती है ,
पहले हम एक दूसरे का हाल पूछकर मुस्कराते थे ! आज तो तेरी याद आयी
फिर वही शाम, फिर तुम्हारी याद ,और मैं तनहा ! 
बहुत तकलिफ होती है ,जब याद तुम्हारी आती है ,
पहले हम एक दूसरे का हाल पूछकर मुस्कराते थे ! आज तो तेरी याद आयी

आज तो तेरी याद आयी #विचार