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ramkrishnapatida9686
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R@mkri$hn@ P@tid@r+

Be confident , Be alone , Eat alone , take yourself on dates . With some patience and In the Midst of this you'll learn about yourself

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R@mkri$hn@ P@tid@r+

मेरा अपना कुछ भी नहीं है, 

देख, कल तो दिसम्बर भी 13 था...!😊😀
-R@mkri$hn@ .💞

.💞

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R@mkri$hn@ P@tid@r+

आफतों के दौर में, चैन की घड़ी है तू, 

गम है या खुशी... मेरी ज़िंदगी है तू m

- R@mKri$hn@ m

m

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R@mkri$hn@ P@tid@r+

Be confident , Be alone , Eat alone , take yourself on dates . With some patience and In the Midst of this you'll learn about yourself
 -R@mkri$hn@ alone

alone

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R@mkri$hn@ P@tid@r+

कोई सिर्फ़ तेरा होकर रहे
ये भी तो तुझे गवारा नहीं...

तेरे होते किसी और को देखूँ
अब इतना भी मैं आवारा नहीं...
-R@mkri$hn@
 🍁 alfaAz mere

alfaAz mere

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R@mkri$hn@ P@tid@r+

यूँ गैरों की दुनिया में 
    कहाँ भेज दिया मुझको 

जहाँ तक भी नजर जाती 
     कोई अपना नजर नही आता 
-R@mkri$hna ये मौसम

ये मौसम

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R@mkri$hn@ P@tid@r+

यही चेहरा, यही आंखें, यही रंगत निकले
जब कोई ख्वाब तरासूं सिर्फ तेरी सूरत निकले
- R@mkri$hn@ यही चेहरा, यही आंखें, यही रंगत निकले

जब कोई ख्वाब तरासूं सिर्फ तेरी सूरत निकले

यही चेहरा, यही आंखें, यही रंगत निकले जब कोई ख्वाब तरासूं सिर्फ तेरी सूरत निकले

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R@mkri$hn@ P@tid@r+

कोई बात करने के लिए मर रहा है..!

और किसी को एहसास तक नही..!!
-R@mkri$hn@ कोई बात करने के लिए मर रहा है..!

और किसी को एहसास तक नही..!! satish jatav

कोई बात करने के लिए मर रहा है..! और किसी को एहसास तक नही..!! satish jatav #शायरी

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R@mkri$hn@ P@tid@r+

आओ बैठो कभी किसी इतवार को ,
मैं वैसा हूँ नही जैसा मिलता हूँ सोमवार को 
          -रामकृष्ण पाटीदार feelings

feelings

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R@mkri$hn@ P@tid@r+

#OpenPoetry         आज की चाय दोस्तो के नाम 🍮
दोस्ती सिर्फ एक दिन की नही होती बस चलती ही रेहती है 

ख़त्म हो चुके चाय के कप के
तलों में बची कुछ बूँद चाय
अब ऐसी ही मित्रता है
कुछ बेहतरीन शख्सियतों की
‘मेरे लिए’
कभी ये दोस्ती की चाय का कप
था लबालब
गर्मजोशी ऐसी, जैसे भाप उगलता कप
हर पल सुगंध ऐसे जैसे
चाय के साथ इलायची की अलबेली सुगन्ध
मित्रता में रिश्ते का छौंक व
जिंदादिली से भरपूर मिठास
हर सिप को जिया है 
खैर .... कप के चाय की अंतिम बून्द
शायद सूख चुकी या सूखने वाली है
पंखा भी तो पांच पर चल रहा 
फिर भी
दोस्ती जिंदाबाद के नारे के साथ
ऐसे लिखते हुए भी
उम्मीद कर रहा है
फिर से एक और चाय का कप 
मौसम की आद्रता बचाये रखेगी
चाय या दोस्ती की मिठास
समझे ना दोस्तो 
उम्मीद ही अहमियत है ..
- रामकृष्ण पाटीदार मित्रता दिवस पर दोस्तों के नाम

मित्रता दिवस पर दोस्तों के नाम #OpenPoetry

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R@mkri$hn@ P@tid@r+

फिर वही शाम, फिर तुम्हारी याद ,और मैं तनहा ! 
बहुत तकलिफ होती है ,जब याद तुम्हारी आती है ,
पहले हम एक दूसरे का हाल पूछकर मुस्कराते थे ! आज तो तेरी याद आयी

आज तो तेरी याद आयी #विचार

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