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कविता ( रावण दहन क्यों ) """"''

कविता                  (  रावण दहन क्यों  )
""""'''''"""""""""""""""''"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""
 मैंने अपराध किया नहीं , करूं उसे सहन क्यों ।
 जब मैंने सीता को छुआ नहीं, फिर मेरा दहन क्यों ।

 स्त्री को उठाकर लाना यह एक अपराध था ।
 मैं छू नहीं सकता स्त्री को यह मुझे अभिशाप था ।
 मुझे घुट घुट कर मार दिया है मुझ पर लगे अपराधों ने ।
 मुझे झूठा साबित कर दिया है वेद और पुराणों ने ।
 मैं अपराधी हूं ऐसा लोगों का कहन क्यों ।
जब मैंने सीता को छुआ नहीं, फिर मेरा दहन क्यों ।

 भगवन की पत्नी को उठा सके यह मजाल किसकी ।
 मैंने रखा उसे अपने पास कुटिया अलग बनाई उसकी ।
 मेरे ही मुझ पर इतना अपराध रख रहे हैं ।
 मैं कैसे समझाऊं इन्हें यह मुझे क्यों जला रहे हैं ।
 मुझे जलाने की लोगों में पहल क्यों ।
जब मैंने सीता को छुआ नहीं, फिर मेरा दहन क्यों ।

 मुझ पर लगे झूठे अपराधों का यह एक धागा है ।
 मैं अगर दोषी हूं राम ने सीता को क्यों त्यागा है ।
 मैं सच्चा हूं ! यह तुम्हारी मर्जी मुझे जैसी सजा दो ।
 राम ने भी किया है गुनाह उसको भी सजा दो ।
  कहें अमित पुकार के रावण पर सवाल उठे क्यों ।
जब मैंने सीता को छुआ नहीं, फिर मेरा दहन क्यों ।।

अमित कुमार .......✍️✍️✍️✍️ दिल पर लगनी वाली बात
अमित कुमार .....
कविता                  (  रावण दहन क्यों  )
""""'''''"""""""""""""""''"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""
 मैंने अपराध किया नहीं , करूं उसे सहन क्यों ।
 जब मैंने सीता को छुआ नहीं, फिर मेरा दहन क्यों ।

 स्त्री को उठाकर लाना यह एक अपराध था ।
 मैं छू नहीं सकता स्त्री को यह मुझे अभिशाप था ।
 मुझे घुट घुट कर मार दिया है मुझ पर लगे अपराधों ने ।
 मुझे झूठा साबित कर दिया है वेद और पुराणों ने ।
 मैं अपराधी हूं ऐसा लोगों का कहन क्यों ।
जब मैंने सीता को छुआ नहीं, फिर मेरा दहन क्यों ।

 भगवन की पत्नी को उठा सके यह मजाल किसकी ।
 मैंने रखा उसे अपने पास कुटिया अलग बनाई उसकी ।
 मेरे ही मुझ पर इतना अपराध रख रहे हैं ।
 मैं कैसे समझाऊं इन्हें यह मुझे क्यों जला रहे हैं ।
 मुझे जलाने की लोगों में पहल क्यों ।
जब मैंने सीता को छुआ नहीं, फिर मेरा दहन क्यों ।

 मुझ पर लगे झूठे अपराधों का यह एक धागा है ।
 मैं अगर दोषी हूं राम ने सीता को क्यों त्यागा है ।
 मैं सच्चा हूं ! यह तुम्हारी मर्जी मुझे जैसी सजा दो ।
 राम ने भी किया है गुनाह उसको भी सजा दो ।
  कहें अमित पुकार के रावण पर सवाल उठे क्यों ।
जब मैंने सीता को छुआ नहीं, फिर मेरा दहन क्यों ।।

अमित कुमार .......✍️✍️✍️✍️ दिल पर लगनी वाली बात
अमित कुमार .....

दिल पर लगनी वाली बात अमित कुमार .....