जो आ रहा है उसे बिन भेद भाव अपने में समाती जा रही ये प्रेम नही तो क्या है विचलित किये बिना सब कुछ न जाने कहाँ विलीन होता जा रहा ये उसकी कृपा नही तो क्या है जीवन गाड़ी में लोग आ रहे जा रहे बिछुड़न तो तय है फिर मोह कैसा सबकी मंजिल एक है कोई आगे कोई पीछे पहुँचना ही है फिर भाग दौड़ में खुद को बेचैन क्यूँ करना एक नाम एक रूप वो ही सबमें रम रहा फिर द्वंद्व में उलझकर यूँ भटकना क्यूँ है #nojoto #thoughts #quote #life #lifequote #writersofnojoto #worldwriters #philosophy #writersofindia