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तन भींगा मन भींगा सावन का महीना आ गया दिल में रौ

तन भींगा मन भींगा 
सावन का महीना आ गया 
दिल में रौनक छा गया 
प्रेम धुन मन में बजने लगा
जीवन हरियाली से भर गया
तन भींगा मन भींगा

बाग बगीचा फूलो से खिल उठे
मोर पक्षी सब नृत्य करने लगे
जग पक्षी की किलकारी से गूंज उठे
मेघ से जल अमृत बन बसुधा पर बरसने लगे 
नदी तालाब जल परिपूर्ण हुए 
तन भींगा मन भींगा

शिवालय में पूजन होने लगा
मानो देवता धरती पर उतर आये
गीत गान सब होने लगा
लोग खुशी से झूम उठे 
उल्लास से उर भर गया
तन भींगा मन भींगा 

क्या मनोरम दृश्य जग में छा गया
पेड़ पौधों में हरियाली दिखने लगा
घाटी फूलों की खुशबू से महंकने लगा
सरिता में निर्मल नीर बहने लगा 
दृश्य मन को खूब भा गया
तन भींगा मन भींगा 

प्रेम का मौसम छा गया
 बर्षा की रिमझिम फुहारो में मन नाचने लगा
एक दूसरे से बाँहों में लिपट पड़ा 
प्रेम - संगीत गुनगुनाने लगा
मानो उर उमंग से भर गया
तन भींगा मन भींगा 

© (संगीत कुमार /जबलपुर )
 ✍🏽✍स्व-रचित 🌹🌹 तन भींगा मन भींगा 
सावन का महीना आ गया 
दिल में रौनक छा गया 
प्रेम धुन मन में बजने लगा
जीवन हरियाली से भर गया
तन भींगा मन भींगा

बाग बगीचा फूलो से खिल उठे
तन भींगा मन भींगा 
सावन का महीना आ गया 
दिल में रौनक छा गया 
प्रेम धुन मन में बजने लगा
जीवन हरियाली से भर गया
तन भींगा मन भींगा

बाग बगीचा फूलो से खिल उठे
मोर पक्षी सब नृत्य करने लगे
जग पक्षी की किलकारी से गूंज उठे
मेघ से जल अमृत बन बसुधा पर बरसने लगे 
नदी तालाब जल परिपूर्ण हुए 
तन भींगा मन भींगा

शिवालय में पूजन होने लगा
मानो देवता धरती पर उतर आये
गीत गान सब होने लगा
लोग खुशी से झूम उठे 
उल्लास से उर भर गया
तन भींगा मन भींगा 

क्या मनोरम दृश्य जग में छा गया
पेड़ पौधों में हरियाली दिखने लगा
घाटी फूलों की खुशबू से महंकने लगा
सरिता में निर्मल नीर बहने लगा 
दृश्य मन को खूब भा गया
तन भींगा मन भींगा 

प्रेम का मौसम छा गया
 बर्षा की रिमझिम फुहारो में मन नाचने लगा
एक दूसरे से बाँहों में लिपट पड़ा 
प्रेम - संगीत गुनगुनाने लगा
मानो उर उमंग से भर गया
तन भींगा मन भींगा 

© (संगीत कुमार /जबलपुर )
 ✍🏽✍स्व-रचित 🌹🌹 तन भींगा मन भींगा 
सावन का महीना आ गया 
दिल में रौनक छा गया 
प्रेम धुन मन में बजने लगा
जीवन हरियाली से भर गया
तन भींगा मन भींगा

बाग बगीचा फूलो से खिल उठे