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ना जाने उनकी आँखो मे कब डूब गए, ना जाने क्यों उनकी

ना जाने उनकी आँखो मे कब डूब गए,
ना जाने क्यों उनकी घनी ज़ुल्फो में खो गए, 
जब कोई पूछे...  की ये क्या हाल बना लिया है , 
हम कह देते है, 
एक बाज़ी ... शतरंज की नहीं 
जनाब दिल की हारी है , 


मेरे हर तोहफे को तूने इनकार  किया, 
हर प्रेम के खाता को बिच से फाड़ दिया, 
ये किया कम था
की,
  तूने बेरुखी से उन खतो को मेरे मुँह पे मार दिया,
उन बिखरे टुकड़े को देख कर, बस यही ख्याल आया, 
की किया इन फटे कागजो मे अलफ़ाज़ नहीं होते? 
 
तेरे हर अंदाज को शब्दो से तराशा, 
पर तूने बस हमें नज़र अंदाज़ किया, 
जिन जिन गलियों मे तेरे आशिक है, 
हर उस गली  मे बदनाम हुआ, 
और तूने मेरे प्रेम के प्रमाण को बीच से फाड़ दिया,

रात रात भर जग कभी 
सोती पलको के बचा, 
तूने जरा सा कलम चला दिया,
फिर पंक्ति पंक्ति जोड़ा के एक कारवां बना लिया, 
फिर कहे  तूने उस काग़जा को पड़ दिया,
ये तेरे अंदर का कोनसा डर था, 
जो तूने अपने सोचा को यु टहूकरा दिया,

वो सविधान जो इस देश मान है, 
आर्टिकल 370 के वजह से बारी सभा मे तूने, 
उसका तिरस्कार किया, ऐसा करके तूने अपनी देश भक्ति का कोनसा उदहारण पेस किया,

ये कागज बहुत कुछ कहते है, 
एक बच्चे के लिए उडात विमान, 
एक चित्रकर के लिए कला प्रदर्शनी का सामान, 
एक दोस्त के लिए सदेशवाहक, 
और एक वृक्ष के लिए मौत का फरमान,इसलिए 
एक कागज, 
कागज नहीं जनाब, 
किसी के जसबाद है | फटे कागज़ #nojotocuttack
ना जाने उनकी आँखो मे कब डूब गए,
ना जाने क्यों उनकी घनी ज़ुल्फो में खो गए, 
जब कोई पूछे...  की ये क्या हाल बना लिया है , 
हम कह देते है, 
एक बाज़ी ... शतरंज की नहीं 
जनाब दिल की हारी है , 


मेरे हर तोहफे को तूने इनकार  किया, 
हर प्रेम के खाता को बिच से फाड़ दिया, 
ये किया कम था
की,
  तूने बेरुखी से उन खतो को मेरे मुँह पे मार दिया,
उन बिखरे टुकड़े को देख कर, बस यही ख्याल आया, 
की किया इन फटे कागजो मे अलफ़ाज़ नहीं होते? 
 
तेरे हर अंदाज को शब्दो से तराशा, 
पर तूने बस हमें नज़र अंदाज़ किया, 
जिन जिन गलियों मे तेरे आशिक है, 
हर उस गली  मे बदनाम हुआ, 
और तूने मेरे प्रेम के प्रमाण को बीच से फाड़ दिया,

रात रात भर जग कभी 
सोती पलको के बचा, 
तूने जरा सा कलम चला दिया,
फिर पंक्ति पंक्ति जोड़ा के एक कारवां बना लिया, 
फिर कहे  तूने उस काग़जा को पड़ दिया,
ये तेरे अंदर का कोनसा डर था, 
जो तूने अपने सोचा को यु टहूकरा दिया,

वो सविधान जो इस देश मान है, 
आर्टिकल 370 के वजह से बारी सभा मे तूने, 
उसका तिरस्कार किया, ऐसा करके तूने अपनी देश भक्ति का कोनसा उदहारण पेस किया,

ये कागज बहुत कुछ कहते है, 
एक बच्चे के लिए उडात विमान, 
एक चित्रकर के लिए कला प्रदर्शनी का सामान, 
एक दोस्त के लिए सदेशवाहक, 
और एक वृक्ष के लिए मौत का फरमान,इसलिए 
एक कागज, 
कागज नहीं जनाब, 
किसी के जसबाद है | फटे कागज़ #nojotocuttack

फटे कागज़ #nojotocuttack #poem