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कैसा होता है मन! जिससे चोट खाता है, उसी से सहारा

कैसा होता है मन! 
जिससे चोट खाता है, उसी से सहारा ढूँढ़ता है 
और फिर दुगुनी चोट खाता है
टूटता भी है और जुड़ता भी है 
और पूरी तरह न टूटता ही है, न जुड़ता ही है

©Paakhi
  #Problems #pain