Nojoto: Largest Storytelling Platform

इतने भाव हैं इस मन में ,, जो कहने को शब्द नहीं । क

इतने भाव हैं इस मन में ,,
जो कहने को शब्द नहीं ।
कैसे मैं व्यक्त करूं इनको ,,
मन मेरा है स्तब्ध यहीं ।।
जी करता है बह जाऊं अब ,,
इन भावों के संग संग ही ।
उतरें एक दूजे में ऐसे ,,
जो शेष ना हो अपना रंग ही ।।
इन भावों की, एहसासों की ,,
अतिशयता में कुछ ऐसी खोई ।
महसूस किया था कभी नहीं ,,
इस स्नेह ने आत्मा मेरी भिंगोई ।।
सच कहूं तो मैं मेरा ही नहीं ,,
तुम ही तुम हो बस जीवन में ।
कर्तव्य सभी मैं पूर्ण कर रही,,
सांसों में तुम हो धड़कन में ।।❤️

©SEEMA SINGH Shabd
इतने भाव हैं इस मन में ,,
जो कहने को शब्द नहीं ।
कैसे मैं व्यक्त करूं इनको ,,
मन मेरा है स्तब्ध यहीं ।।
जी करता है बह जाऊं अब ,,
इन भावों के संग संग ही ।
उतरें एक दूजे में ऐसे ,,
जो शेष ना हो अपना रंग ही ।।
इन भावों की, एहसासों की ,,
अतिशयता में कुछ ऐसी खोई ।
महसूस किया था कभी नहीं ,,
इस स्नेह ने आत्मा मेरी भिंगोई ।।
सच कहूं तो मैं मेरा ही नहीं ,,
तुम ही तुम हो बस जीवन में ।
कर्तव्य सभी मैं पूर्ण कर रही,,
सांसों में तुम हो धड़कन में ।।❤️

©SEEMA SINGH Shabd