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मैं थक सा गया हूँ तुमसे प्यार जताते जताते, मैं थक

मैं थक सा गया हूँ तुमसे प्यार जताते जताते,
मैं थक सा गया हूँ तुम्हें सही-गलत का फर्क बताते बताते,
यकीन मानों मेरे में अब हिम्मत जरा भी नहीं,
हर बार मार लूं अपने मन तो मैं इतना बड़ा भी नहीं,
मुझे तुमसे मोहब्बत है शक नहीं,
क्या मेरा तुमपे जरा भी हक़ नहीं?
हर बार हर बात को समझने को तैयार तुम रहती नहीं,
मेरे किसी भी बात को तुम सहती नहीं,
तुम हर तकलीफ हर दुःख से दूर रहो,
मैं चाहता हूं कम न हो तुम्हारे चहेरे की मुस्कान और तुम सदा खुश रहो।

©Mr Singh #Suicide #सिंह
मैं थक सा गया हूँ तुमसे प्यार जताते जताते,
मैं थक सा गया हूँ तुम्हें सही-गलत का फर्क बताते बताते,
यकीन मानों मेरे में अब हिम्मत जरा भी नहीं,
हर बार मार लूं अपने मन तो मैं इतना बड़ा भी नहीं,
मुझे तुमसे मोहब्बत है शक नहीं,
क्या मेरा तुमपे जरा भी हक़ नहीं?
हर बार हर बात को समझने को तैयार तुम रहती नहीं,
मेरे किसी भी बात को तुम सहती नहीं,
तुम हर तकलीफ हर दुःख से दूर रहो,
मैं चाहता हूं कम न हो तुम्हारे चहेरे की मुस्कान और तुम सदा खुश रहो।

©Mr Singh #Suicide #सिंह