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रंग तरंग सच से भले ही इंकार हो चाहे झूठ अगर स्वीका

रंग तरंग
सच से भले ही इंकार हो चाहे झूठ अगर स्वीकार हो
सिर्फ अहम वहम से प्यार हो जिनका मन पर अधिकार हो
मन बड़ा ही चँचल होता है बुध्दी अस्थिर कर देता है
सिर्फ भौतिकता से लगाव हो भावुकता का ही प्रवाह हो
यदि सद्गुणों से जरा भी दुराव हो दुर्गुणों का यत्किंचित भी प्रभाव हो
सतगुरु की किरपा होते ही अमृतवर्षा ले आती है 
जो राह सही दिखलाती है सब तनाव बहा ले जाती है 
जीवन की समस्त गलतियों का अहसास हमें करवाती है 
तब सोच भले पछताती है गुजरा समय ना लोटा सकती है 
अहसास भले ही होता है व्याकुल मन विचलित होता है 
जब सांझ की बेला आती है सब रंग विविध दिखलाती है 
उम्मीद उमंग के भाव सभी जो प्रगट तभी करवाती है! 
द्वारा:-RNS. #रंग तरंग.
रंग तरंग
सच से भले ही इंकार हो चाहे झूठ अगर स्वीकार हो
सिर्फ अहम वहम से प्यार हो जिनका मन पर अधिकार हो
मन बड़ा ही चँचल होता है बुध्दी अस्थिर कर देता है
सिर्फ भौतिकता से लगाव हो भावुकता का ही प्रवाह हो
यदि सद्गुणों से जरा भी दुराव हो दुर्गुणों का यत्किंचित भी प्रभाव हो
सतगुरु की किरपा होते ही अमृतवर्षा ले आती है 
जो राह सही दिखलाती है सब तनाव बहा ले जाती है 
जीवन की समस्त गलतियों का अहसास हमें करवाती है 
तब सोच भले पछताती है गुजरा समय ना लोटा सकती है 
अहसास भले ही होता है व्याकुल मन विचलित होता है 
जब सांझ की बेला आती है सब रंग विविध दिखलाती है 
उम्मीद उमंग के भाव सभी जो प्रगट तभी करवाती है! 
द्वारा:-RNS. #रंग तरंग.

#रंग तरंग.