याद आता है मुझे सफर वो मेरे बचपन का मेरे घर से मम्मी के माइके तक का स्कूल का आखिरी दिन छुट्टियों का पहला दिन और तारीख तय होना सफर करने का याद आता है बस की खिड़की वाली सीट से झांकते हुए पेड़ो को अपने साथ चलते हुए देखना और इंतजार मंजिल करीब आने का बहुत याद आता है रास्ते में हर लिखावट को पढ़ना बस में मिलने वाली कुल्फी के लिए जिद करना और ना मिलने पर मुंह फूला कर सिर्फ खिड़की से बाहर देखना बहुत याद आता है नानी के घर की सड़क तक पहुंच कर झूम उठता मन सबसे मिलकर बहुत याद आता है वो मेरे बचपन का सफर ©Bhumika kaushik #nanikaghar#grandmother#grandfather #safarnama