खामियां अपनी छिपाकर भले इंसान बनते हैं, करके लाख गुनाह आज वो अनजान बनते हैं। गुनाह की गली में जिनका कारोबार है यारों, नेकी का पहन लिबास वो भगवान बनते हैं।। #मौर्यवंशी_मनीष_मन #मुक्तक_मन #गुनाहगार #नेकी