White चाहे कोई भी रिश्ता हो, उसमें गर्मी होनी चाहिए; वो अटूट होनी चाहिए! और रिश्ता अगर दोस्ती का है, तब तो बोलिए ही मत....….. क्योंकि दोस्ती का रिश्ता सबसे ऊपर होता है, अब चाहे ये किसी के बीच हो, दो लड़के या अधिक लड़के भी दोस्त हो सकते हैं, दो लड़कियां या अधिक लड़कियां भी दोस्त हो सकती हैं, बड़े बुजुर्गों में भी दोस्ती होती है, दोस्ती पति पत्नी में भी हो सकती है, मां बेटे में भी हो सकती है, बेटियां तो अक्सर मां की दोस्त होती ही है! दोस्ती आजकल लड़के लड़कियों के बीच भी होने लगी है...... पहले भी होती थी, पर कम होती थी, अब कुछ ज्यादा होने लगी है। इसमें कोई चिंता की बात भी नहीं है, चिंता तब बढ़ने लगती है, जब दोस्ती के आड़ में बच्चे , बड़े एक दूसरे के आकर्षण में बंधने लगते हैं, और दोस्ती की सीमाएं तोड़ने लगते हैं, फिर अपने मां पिता को आरोपित करते हैं, कि वे खुले विचार के नहीं हैं। मेरे विचार से दोस्ती जरूर कीजिए, चाहे आप किसी उम्र के हों, किंतु सामाजिक मर्यादा का ध्यान रखकर, फिर किसी को कोई तकलीफ नहीं, फिर तो दोस्ती से बढ़कर कुछ भी नही, फिर तो दोस्ती जिंदगी है, बंदगी है, दोस्ती एक दूजे का प्राण है, जान है, जहान है, और हर रिश्तों से ऊंचा इसका स्थान है! ऊंचा इसका स्थान है!! ©पूर्वार्थ #GoodMorning