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दर्द..... आज यकीन ना हुआ, ठेस खाकर, जीवन में असफल

दर्द.....
आज यकीन ना हुआ, ठेस खाकर, 
जीवन में असफल हुए हम
आजादी का मतलब, क्या यही है।

जब जब विश्वास किया
तब तब विश्वासघात हुआ
अब किसी पर यकीन नहीं होता।

बहुत उबरने की कोशिश की
ज़ख्म शायद गहरा है
भरते भरते टिस जाती है।

फिर भी उसूल है समाज का
दर्द भूल मुस्कुराने का
ये उसूल अपनाने का।

तो हम भी अपनाएंगे
समाज के साथ जाएंगे
दर्द को भूल जाएंगे।

 दर्द #collabpain
दर्द.....
आज यकीन ना हुआ, ठेस खाकर, 
जीवन में असफल हुए हम
आजादी का मतलब, क्या यही है।

जब जब विश्वास किया
तब तब विश्वासघात हुआ
अब किसी पर यकीन नहीं होता।

बहुत उबरने की कोशिश की
ज़ख्म शायद गहरा है
भरते भरते टिस जाती है।

फिर भी उसूल है समाज का
दर्द भूल मुस्कुराने का
ये उसूल अपनाने का।

तो हम भी अपनाएंगे
समाज के साथ जाएंगे
दर्द को भूल जाएंगे।

 दर्द #collabpain