सावन के अंधड़ इश्क की तरह ही है जब सावन अंधड़ लाता है पेड़ झूमते है, इठलाते है और झूमते इठलाते किसी के पत्ते किसी के फूल किसी की डालियां और कुछ तो जड़ से ही उखड़ जाते है इश्क में भी, अंधड़ में भी कुछ बस जाते है कुछ उखड़ जाते है उजड़ जाते है !! ©मिहिर #इश्क और अंधड़