उसका आना एक हादसा था मेरी ज़िन्दगी का, जो मैं वक़्त के साथ भूल चुका हूँ, अब नही चाहिए सहारा किसी का भी, अब तो अकेले जीना सीख चूका हूँ, कहते है ठोकर लगने के बाद, सीख ही जाते है लोग संभलना, हां तो अब संभलना भी सीख चूका हूँ... #संभलना