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नफरत के शहर को छोड़ कर चलो आज अपनेपन की बस्ती बसा

नफरत के शहर को छोड़ कर 
चलो आज अपनेपन की बस्ती बसाते है

गमो के बहाने छोड़ कर 
चलो आज खुशी की रौनक लाते है

लोगो से बैर भाव छोड़ कर 
चलो आज कुछ दोस्त नये बनाते है

मकानो का नाम छोड़ कर 
चलो आज मिट्टी के घरोंदें बनाते है

इन सजावटी फुलो को छोड़ कर
 चलो आज बागो मे कुछ महकते फुल लगाते है

बहुत रह लिये सब से अनजान 
चलो आज सबसे थोड़ी जान पहचान बढ़ाते है।

©Kushal
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 Anshu writer vineetapanchal भारत सोनी _इलेक्ट्रिशियन Lalit Saxena R K Mishra " सूर्य "  Sethi Ji Aadvik (Alok)Singh ᴩᴏᴏᴊᴀ ᴜᴅᴇꜱʜɪ Ranjit Kumar Internet Jockey  Jonee Saini संजय सिंह भदौरिया Umme Habiba Ambika Jha Vicky Saini  udass Afzal khan gungun gusain Rakesh Kumar AD Grk heartlessrj1297