ये बारिश का मौसम, ये मौसम की तन्हाई। तू पास ना आ सका मेरे, पर तेरी यादें चली आईं।। तन्हा तन्हा मैं यहां, तेरे दूर होने की ये रुसवाई। मैं बस अकेली बैठी थी यहां, जाने क्यूं तेरी यादें चली आईं।। -लफ़्ज़-ए-आशना "पहाड़ी" . ©दीक्षा गुणवंत ये बारिश का मौसम, ये मौसम की तन्हाई। तू पास ना आ सका मेरे, पर तेरी यादें चली आईं।। तन्हा तन्हा मैं यहां, तेरे दूर होने की ये रुसवाई। मैं बस अकेली बैठी थी यहां,