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कांधे पर घर का बोझ लिए, हर पल मशक्कत करते हैं, दिल

कांधे पर घर का बोझ लिए,
हर पल मशक्कत करते हैं,
दिल में हो चाहे लाख रंजिशें,
वो फिर भी मेहनत करते हैं,
प्यार इतना होता है दिल में,
पर कभी नहीं जताते हैं,
फिर जब बेटी विदा होती है,
तो बच्चों की तरह रोते हैं,
दिल पर पत्थर रखकर,
उसे डोली में बिठाते हैं,
अपने हर अरमान को दबाकर,
बस बच्चों के लिए जीते हैं,
जब भी कोई मुश्किल आती है,
तो बस पापा होते हैं,
मुझे गले लगाने वाले,
वो मेरे पापा होते हैं|


-Divya Shukla #fathersday2020 #poemoftheday #for_u #Papa #Love  #you #alot
कांधे पर घर का बोझ लिए,
हर पल मशक्कत करते हैं,
दिल में हो चाहे लाख रंजिशें,
वो फिर भी मेहनत करते हैं,
प्यार इतना होता है दिल में,
पर कभी नहीं जताते हैं,
फिर जब बेटी विदा होती है,
तो बच्चों की तरह रोते हैं,
दिल पर पत्थर रखकर,
उसे डोली में बिठाते हैं,
अपने हर अरमान को दबाकर,
बस बच्चों के लिए जीते हैं,
जब भी कोई मुश्किल आती है,
तो बस पापा होते हैं,
मुझे गले लगाने वाले,
वो मेरे पापा होते हैं|


-Divya Shukla #fathersday2020 #poemoftheday #for_u #Papa #Love  #you #alot
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Divya Shukla

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