रावण के दस चेहरे की व्याख्यान दुनिया जानती है। वो था विद्ववान सब मानती है। सीता हरण की गलती सिवा सबका किया सम्मान। आज के रावण के हजारों है चेहरे। हर चेहरे पर नक़ाब। किस से कौनसा वार किससे है तकरार। तरकश में तीर कई हाथ में खंजर कई। यही है इस कलयुग की पहचान। #मुखौटा