मन का दुश्मन बनना होगा मन का दुश्मन बनना होगा, खुद से भी तो लड़ना होगा। यह छल न जाए जीवन को, सदैव ध्यान रखना होगा। बुझ न जाए प्रगति की मशाल, खुद आग बनकर जलना होगा। बनो सारथी खुद के रथ का, अर्जुन भी तुम्हें बनाना होगा। जीवन की रणभूमि से, सदैव चौकस रहना होगा। कोई हित-मित्र नहीं है पीछे, अकेले ही आगे बढ़ना होगा। निराशा की घटाएँ घेरें, तब खुद में जोश भरना होगा। इम्तिहान लेगी रणभूमि जब, समशिरों पर चलना होगा। प्रहरी हो तुम जीवन के, पूरी रात तुम्हें जागना होगा। इम्तिहान नहीं, युद्ध समझो इसे, प्रत्येक व्यूह से तुम्हें लड़ना होगा। काबू में रखना अवचेतन को, संघर्ष में दृढ़ रहना होगा। ठान सको जब ख़ुद से ही रण, ख़ुद पर प्रथम विजयी पाना होगा। विचलित ना होना इस रण में, भावों का नाश करना होगा। भेद गए जब व्यूह को तुम, अंतिम क्षण तक तुम्हें लड़ना होगा। संकल्प लो, उद्घोष करो, निर्भीक बाणों की वर्षा करना होगा। तोड़ सको तुम द्वार सभी, अभिमन्यु तुमको बनना होगा। ©theABHAYSINGH_BIPIN #सदैवचलनाहोगा मन का दुश्मन बनना होगा मन का दुश्मन बनना होगा, खुद से भी तो लड़ना होगा।