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तुम मेरी जिंदगी में यूँ समा गईं हो गोया











तुम मेरी जिंदगी में यूँ समा गईं हो गोया तुम सुबह हो, शाम हो
जैसे गजल किसी शायर की,या किसी शराबी का जाम हो

©Kamlesh Kandpal
  #merijindgi