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A short story वो फूल तोड़कर लाता था वो रोज उसे गु

A short story 
वो फूल तोड़कर लाता था
वो रोज उसे गुलदस्ते में सजाती थी
वो जानती थी कि...
एक दिन उसे भी किसी बगिया से 
तोड़कर लाया गया था इसी तरह।
और सजा दिया गया एक सामान की तरह
और शायद जब वो मुरझा जायेगी
तो फेंक दिया जायेगा इन फूलों की तरह
  चार दीवारी के किसी कोने में।
    हाँ वो फूल ही तो है।
फर्क बस इतना है कि वो औरत है।
एक के लिए पराया धन दूसरे घर के लिए परजीवी है।
 फिर भी वे जीव नहीं और न जीवित ही है ।
       बस एक मशीन की तरह 
शायद एक कृत्रिम फूल की तरह।
या कामकाजी घरेलू उपकरण की तरह।
            हाँ वो औरत है
                पारुल शर्मा #NojotoQuote वो फूल तोड़कर लाता था
वो रोज उसे गुलदस्ते में सजाती थी
वो जानती थी कि...
एक दिन उसे भी किसी बगिया से 
तोड़कर लाया गया था इसी तरह।
और सजा दिया गया एक सामान की तरह
और शायद जब वो मुरझा जायेगी
तो फेंक दिया जायेगा इन फूलों की तरह
A short story 
वो फूल तोड़कर लाता था
वो रोज उसे गुलदस्ते में सजाती थी
वो जानती थी कि...
एक दिन उसे भी किसी बगिया से 
तोड़कर लाया गया था इसी तरह।
और सजा दिया गया एक सामान की तरह
और शायद जब वो मुरझा जायेगी
तो फेंक दिया जायेगा इन फूलों की तरह
  चार दीवारी के किसी कोने में।
    हाँ वो फूल ही तो है।
फर्क बस इतना है कि वो औरत है।
एक के लिए पराया धन दूसरे घर के लिए परजीवी है।
 फिर भी वे जीव नहीं और न जीवित ही है ।
       बस एक मशीन की तरह 
शायद एक कृत्रिम फूल की तरह।
या कामकाजी घरेलू उपकरण की तरह।
            हाँ वो औरत है
                पारुल शर्मा #NojotoQuote वो फूल तोड़कर लाता था
वो रोज उसे गुलदस्ते में सजाती थी
वो जानती थी कि...
एक दिन उसे भी किसी बगिया से 
तोड़कर लाया गया था इसी तरह।
और सजा दिया गया एक सामान की तरह
और शायद जब वो मुरझा जायेगी
तो फेंक दिया जायेगा इन फूलों की तरह
parulsharma3727

Parul Sharma

New Creator
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