माफ़ कर देना हमारी नज़रों को, जो बस तुझे ही देखने की गुस्ताखी किए जा रहे है। कसूर कुछ तेरा भी होगा ए हसीन दिलरुबा, जो नींदों में भी हम तेरे ही ख्वाब जिए जा रहे है। #माफ़ कर देना हमारी नज़रों को,जो कबसे बस तुझे ही देखने की #गुस्ताखी किए जा रहे है। कसूर कुछ तेरा भी होगा ए #हसीन #दिलरुबा,जो नींदों में भी हम तेरे ही #ख्वाब जिए जा रहे है।❤