ज़रूरत होती अगर तो उसकी जगह ज़रूर कोई और होता मोह

ज़रूरत होती अगर तो उसकी जगह ज़रूर कोई और होता 
मोहब्बत है इसलिए उसकी जगह अभी तक कोई और न ले सका।

वो रोज़ बदलता है दिल अपना और दिल में रहनेवाले लोग 
लेकिन न मेरा दिल और न दिल में उसका मक़ाम बदल सका।

और मोहब्बत कोई ख़ैरात नहीं होती,जो मैं हर एक में बाॅंटती फ़िरूॅं 
अब क्या कहूॅं मैं बस अफ़सोस है मुझे कि वो मुझे न समझ सका ।

©Sh@kila Niy@z
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#27May
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