पथरा जाती हैं आँखें जब सपने टूटते हैं हर रोज भूखमरी और दर दर जो भटकते हैं हो गर तुम इंसान तो इंसानों सा बरताव करो , हो सके गर कुछ तो किसी के सपने साकार करो ज्यादा नही एक ब्रेड या रोटी ही पहली भूख हैं ज्यादा नहीं कुछ और किसी की भूख मिटाने का इंतजाम करो .... #neerajwrites help the poor , hunger , child labour , pain