नींद आंखों में आके थम गई है कई रातों से मैं सोई नही हूं फेर ली तूने मुझसे यूं निगाहे के जैसे मैं तेरी कोई नहीं हूं तेरे दुख ने बना दिया पत्थर किसी ग़म पर भी मैं रोई नही हूं तेरे ख़्वाबों ने इस क़दर लूटा फिर किसी ख़्वाब में खोई नही हूं muskan Sharma ©मुस्कान शर्मा #Barrier bewafa